देवघर : युवाओं ने जगायी भरोसे की अलख, गरीबों के दर्द को कर रहे हैं साझा
न कोई पार्टी, न कोई बैनर और न कोई एनजीओ…स्वप्रेरणा से प्रेरित होकर देवघर के युवाओं ने समाज में गरीबों के बीच जाकर उनके आंखों के आंसूओं को पोंछने का काम किया है। जी हां! वही युवा वर्ग जिनके बारे में समाज में अवधारणा बन चुकी है कि आजकल के युवा समाज से कट चुके हैं, अपने संस्कृति से विमुख हो चुके हैं। समाज के इस अवधारणा को तोड़ते हुए शहर के युवा न केवल सामाजिक कार्यों में रूचि दिखा रहें हैं बल्कि समाज के बीच टूट चुके आत्मियता के तार को स्थापित भी कर रहे हैं। इसका अंदाजा हाल के क्रियाकलापों को देखकर सहज रूप से लगाया जा सकता है।
गुरूवार को वैभव राय के नेतृत्व में देवघर के युवाओं ने ठंड से ठिठुर रही जिंदगी को बचाने की अनूठी कोशिश की है। युवाओं ने समाज के बीच गुम हो चुके आत्मियता और भरोसे को फिर से बहाल करने की कोशिश की है। ताराबाद के सुथिनयां गांव, झिलुवा चांदडीह पंचायत के बासाकोला एवं उखरिया जैसे गांवों में जाकर वंचित एवं गरीब तबके के बीच जाकर कंबल वितरित कर समाज के दर्द को साझा करने का काम किया। वितरण के दौरान न कोई मंच था, न कोई मुख्य अतिथि…और न ही कोई भाषण हुआ। हां इतना जरूर था कि जब वृद्धों के कंधे पर कंबल ओढ़ाया जा रहा था तब सबके आंखों में आंसू जरूर था। मन में एक अफसोस था कि काश! इनलोगों के लिए कुछ कर पाता…हमारे बदन पर तरह तरह के गर्म कपड़े होने के बावजूद सर्दी कम होने का नाम नहीं लेती है तो जिनके बदन पर चादर तक नहीं उनके साथ क्या बीत रहा होगा?
युवाओं की टीम ने इससे पहले गरीबों की बस्ती में जाकर बच्चों के बीच किताब, कॉपी, पेंसिल इत्यादि का वितरण किया था। टीम में शामिल लगभग युवा 25 से कम उम्र के हैं जो या तो पढ़ाई कर रहे हैं या फिर अपनी जिंदगी को व्यवस्थित करने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। घर से मिलने वाले पॉकेट खर्ज को बचाकर ये लोग समाज में आशा की रौशनी बिखेर रहे हैं। इसी प्रकार देवघर – मधुपुर मार्ग पर स्थित प्रसिध्द पथरोल काली मंदिर में जब चोरी हो गई तो इनलोगों ने आपस में चंदा इक्ट्ठा कर माता के चरणों में पायल, भुजाली, मुकुट इत्यादि को समर्पित किया।
युवाओं की बढ़ती लोकप्रियता कई नेताओं को खटक रही है, कुछ नेता, युवाओं के कार्यों में अपना दखल देकर श्रेय लेने की फिराक में है। युवाओं ने इनके मंसूबो पर बार – बार पानी फेरने का काम किया है। इन नेताओं को लगने लगा है कि जल्द ही इनकी दूकान बंद होने वाली है। समाजसेवा का जो इनलोगों ने स्वांग रचाया हुआ है लगता है मानों जल्द ही इसका भी पोल खुलने वाला है।
गौरतलब हो कि 25 दिसंबर को दुर्घटना से बचने के लिए युवाओं की टीम ने ‘हेलमेट पहनो’ अभियान चलाया था। जिसके तहत देवघर, सारठ, मधुपुर आदि जगहों पर जागरूकता रैली भी निकाली गई थी, जिसे समाज के लोगों ने काफी सराहा था। कुल मिलाकर कहें तो इन युवाओं को देखकर लगता है कि आज के युवा जितना आधुनिक है उतना ही समाज के प्रति समर्पित…इनकी अनूठी कोशिश का रंग भी समाज में दिखने लगा है, इस क्रम को लगातार बनाये रखना युवाओं के लिए चुनौती भरा कार्य है।
युवाओं ने अपने बातचीत में बताया कि कंबल वितरण में गोपाल अग्रवाल पतरातू, संजय झा मधुपुर, राजेश जैनामोड़, जितेन्द्र अग्रवाल सरायकेला, विवेक सारठ का काफी सहयोग मिला। कंबल वितरण आयोजन में अजीत कुमार, वीरेन्द्र अग्रवाल, वैभव राय, विजय प्रताप, सनातन, विशाल विक्टर, मोहन, ऊत्तम शाही, अजय आदि की प्रमुख भूमिका रही।